Love Shayri






1)मेरी फिक्र में खुद को भूल जाती हो


मेरी फिक्र में खुद को भूल जाती हो
और बेखबर हो मुझ को ये जताती हो
होने लगती हो जिस पल दूर मुझसे
कसम से उस पल बहुत याद आती हो
चाहती हो कितना, पूछू जब कभी तो
आँखों ही आँखों में सब कुछ बताती हो
मोहब्बत में मेरी खुद को भुलाए बैठी हो
और दिल में अपने जज़्बात छुपाती हो ।
  

 2) पहली ही नज़र में उनसे प्यार हो गया


पहली ही नज़र में उनसे प्यार हो गया
उसके बाद तो फिर दिल का करार गया
उस एक लम्हे ने ऐसा असर किया
कि हर लम्हा जैसे खुद इन्तज़ार हो गया
अपने होकर भी अपने ना हो सके हम
वो अजनबी होकर भी राज़दार हो गया ।

3)दिल की खिड़की से बाहर देखो ना कभी

दिल की खिड़की से बाहर देखो ना कभी
बारिश की बूँदों सा है एहसास मेरा
घनी जुल्फों की गिरह खोलो ना कभी
बहती हवाओं सा है एहसास मेरा
छूकर देखो कभी तो मालूम होगा तुम्हें
सर्दियों की धूप सा है एहसास मेरा ।

4)हाल-ए-दिल कुछ इस तरह जानता है वो

हाल-ए-दिल कुछ इस तरह जानता है वो
बिन रोये भी अश्क़ मेरे पहचानता है वो
न जाने कैसा रिश्ता है हमारे दरमियान
कदमों की आहट से मुझे पहचानता है वो
रूठू मैं चाहे सौ दफ़ा उससे हर बात पर
फिर भी मुझे अपना हमदम मानता है वो

5) तुम्हें देखकर मैं खुद को भूल जाता हूँ

 तुम्हें देखकर मैं खुद को भूल जाता हूँ
तन्हाई में अक्सर ग़ज़ल गुनगुनाता हूँ ।
इश्क़ हो गया है या कोई और बला है,
बेवजह यूँ हर घड़ी अब मुस्कुराता हूँ ।।




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