Hatband wife






Hatband wife


एक महिला ने IT टेक्नीकल सपोर्ट को फोन किया।

महिला: मुझे 'हस्बैंड' प्रोगाम में मुश्किल हो रही है।

टेक्नीकल सपोर्ट: कब से है यह दिक्कत?

महिला: देखिए, पिछले साल मैंने अपने 'बॉयफ्रेंड' को अपडेट कर 'हस्बैंड'' इंस्टॉल किया था। उसके बाद से ही पूरा सिस्टम स्लो हो गया है। खासतौर पर 'फ्लॉवर' और 'ज्वेलरी' एप्लीकेशन ने काम करना बंद कर दिया है। ये एप्स 'बॉयफ्रेंड' में अच्छी चलती थीं। इसके अलावा 'हस्बैंड' ने 'रोमांस' प्रोग्राम भी अनइंस्टॉल कर दिया है। इसकी जगह 'न्यूज' 'मनी' और 'क्रिकेट' जैसे फालतू प्रोग्राम इंस्टॉल हो गए हैं। अब मैं इसे कैसे सुधारूं?

टेक्नीकल सपोर्ट: जी, 'हस्बैंड' इंस्टॉल करने के बाद ऐसी समस्या होती रहती है। सबसे पहले इस बात का ध्यान रखें कि 'बॉयफ्रेंड' एक एंटरटेनमेंट डेमो पैकेज था, जबकि 'हस्बैंड' ऑपरेटिंग सिस्टम है। इसे सुधारने के लिए 'आंसू' प्रोगाम डाउनलोड करें। इससे 'ज्वेलरी' और 'फ्लॉवर्स' एप्लीकेशन अपने आप इंस्टॉल हो जाएंगी। हालांकि याद रखें 'आंसू' ज्यादा इस्तेमाल करने पर 'हस्बैंड' हमेशा के लिए 'साइलेंस' या 'बियर' मोड़ पर चला जाएगा। साथ ही 'हस्बैंड' के ओरिजनल पैकेज को डिस्टर्ब न करें। ऐसा करने पर नया वायरस 'गर्लफ्रेंड' डाउनलोड हो जाता है। इसके अलावा 'बॉयफ्रेंड' को दोबारा इंस्टॉल करने की कोशिश भी न करें। ऐसा करने पर आपका लाइफ ऑपरेटिंग सिस्टम क्रैश हो जाएगा।


धन्यवाद!

बसंती की मौसी से अमित शाह पीएम मोदी के लिए वोट मांग रहे हैं…आप भी इस मजेदार संवाद का लुत्फ लीजिए..


सन् 2019 के लिए मौसी से वोट मांगने पहुंचे अमित शाह-

मौसी -: देखो बेटा पढ़ी लिखी सयानी हूँ, कोई स्मृति ईरानी तो हूँ नही। हां.. इतना तो पूछना ही पड़ेगा कि तुम्हारे नेता ने किया क्या है?

अमित -: करने का क्या है मौसी जी, एक बार फिर से PM बनेगा, देश की जिम्मेदारी सिर पे पड़ेगी तो कुछ करने भी लग जायेगा।

मौसी -: हाय दय्या! फिर मतलब ? पहले 5 साल में कुछु भी नहीं किया ?

अमित -: अरे अरे मौसी आप तो हमारे मोदी को गलत समझ रही है। 5 साल होते ही कितने है, गौ हत्या, जेएनयू, भारत माता, जाट-पटेल और दंगे-पंगे,,, अडानी अम्बानी की लूट में पता ही कहाँ चले।

मौसी -: हाय! इतना कुछ हुआ और वो कुछु बोला भी नाही।

अमित -: अब बोलने का क्या हैं मौसी! मन की बात तो बहुत बोली। मगर संघ के खिलाफ भला कैसे बोलते।

मौसी -: ओ हो हो! तो क्या संघी है?

अमित -: अरे अरे मौसी ,, वो और संघी,, न न ना। अब लड़कपन में किसे क्या पता होता है ,, क्या अच्छा क्या बुरा। किसी ने बहला फुसला के शाखा में भर्ती करा दिया, तो कर लिया बेचारे ने .. एक बार फिर से PM बन जाये तो संघ तो बस यूँ छूट जाएगा यूँ।

मौसी -: मुझ बुढ़िया को समझा रहे हो बेटा संघ-वंघ की लत किसी की छूटी है जो छूटेगी।

अमित -: अरे मौसी PM बनते ही दे दनादन विदेशों के दौरे शुरू हो जाएंगे। संघ तो भारत में ही छूट जाएगा न।

मौसी -: बस यही एक कमी रह गयी थी।

अमित -: मौसी जी! विदेश तो बड़े-बड़े खानदान के पढ़े-लिखे लोग ही जाते है।

मौसी -: एक बात तो माननी पड़ेगी लाख कमी हो तुम्हारे नेता में मगर तुम्हारे मुँह से तारीफ़ ही निकले हैं।

अमित -: अब क्या बताये मौसी हम भक्तो का तो दिमाग ही ऐसा हैं।

मौसी -: जाते जाते ये ही बताते जाओ बेटा तुम्हारा नेता पढा-लिखा कितना है?

अमित -: बस यूं समझिये मौसी जी, जैसे ही सही खबर मिलेगी, सबसे पहले आपको ही बतायेगे।
तो मौसी जी आपका वोट पक्का समझूं।
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